shiv chalisa lyrics bhakti bharat Can Be Fun For Anyone
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अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
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कहे अयोध्या आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
शिवाष्टकस्तोत्र को सुबह- शाम किसी भी दिन पढ़ सकते है।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
अर्थ: हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, more info आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।
किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥